Hindi IC-33 notes Chapter - 13
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- एक व्यक्ति को बीमा का लाइसेंस बीमा अधिनियम 1938 की धारा 42 के अंतर्गत दिया जाता है
- विभिन्न वितीय आवश्यकताओ में परिवार हेतु आय सबंधी सुरक्षा सर्वप्रथम आवश्यकता है
- भारतीय बीमा संस्थान 1955 में स्थापित किया गया है
- एक व्यक्ति ए डी बी , दुर्घटना म्रत्यु का लाभ लिए गए बीमा कवर के आधार पर ले सकता है
- एक एजेंट बनने के लिए प्रमुख योग्य व्यक्ति का मानसिक रूप से ठीक होना व् 10+2 / 10 वी पास होना चाहिए
- यदि एक वर्ष के भीतर कोई दावा नहीं किया जाता अगले वर्ष के प्रीमियम में ग्राहक को दावा न करने का बोनस प्राप्त होता है
- यदि बीमाकर्ता द्वारा 30 दिनों के समाप्त होने के बाद तक वैध दावा नही किया जाता तो बीमा कंपनी को ब्याज देना होगा
- यदि यह सिद्ध हो जाता है कि अभिकर्ता अपने ग्राहको को बीमा पॉलिसी देने के लिए किसी प्रकार की छुट दे रहा है तो अभिकर्ता को सेवा से मुक्त किया जा सकता है
- बीमा बोर्ड इरडा से सबंध है
- टैरिफ एडवाइजरी कमेटी दर लाभ सेवाशर्त आदि को नियत्रित व् नियमित करता है जो बीमा कंपनी द्वारा साधारण बीमा व्यापार के संधर्भ में दी जाती है
- बीमा कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष विदेश 26% और 0
- आम्बुदेसमैन एक माह के भीतर पुरस्कार देता है
- भारत में जीवन बीमा उधोग का मुख्य जीवन बीमा परिषद् है
- शिकायत दर्ज करने हेतु इरडा ने एक कॉल सेंटर की स्थापना की है
- समस्त बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि 4 big के सदस्यों को प्रतिनिधित्व करते है
- जीवन बीमा निगम का अभिकर्ता बनाने हेतु अपेक्षित आयु 18 वर्ष है
- जीवन बीमा परिषद ,बीमा उधोग की सकारात्मक छवि का निर्माण करने हेतु बचन बद्द है तथा इसके साथ साथ वह ग्राहको के विश्वास में भी वृध्दि करती है
- भरतीय बीमा संस्थान बीमा अभिकर्ताओ को प्रशिक्षण देने के लिए है
- यदि एक अभिकर्ता ग्राहक द्वारा प्रदान सुचना का कही दुरूपयोग करता है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है
- राष्ट्रिय बीमा अकादमी की भी भूमिका प्रशिक्षण निधियो को संचालित करना है
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