Hindi IC-33 notes Chapter - 10
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- बीमा अभिकर्ता व् सलाहकार का महत्वपूर्ण पक्ष जीवन बीमा उत्पाद को पॉलिसी सेवा की आवश्यता के अनुसार बेचना है
- ग्राहक के पुचने पर अभिकर्ता को अपना कमीशन बता देना चाहिए
- यदि ग्राहक सस्तुतियो को जानने के बाद आगे बढना नहीं चाहता तो अभिकर्ता को अधिकार है कि वह ग्राहक से उसका कारण जाने
- 82 से 86 के बिच आग्रह का अर्थ है कम लेपसेसन
- उच्च आग्रह उच्च लाभ सुनिश्चित करता है
- यदि एक पॉलिसी पर अभिकर्ता को दूसरी पॉलिसी से अधिक कमीशन मिलता है तो जबकि पॉलिसीयो की अवधि सामान है तो इसका कारन दूसरी पॉलिसी एक बार प्रीमियम भुगतान वाली होगी
- अनुग्रह को प्रभावित करने वाले कारक अभिकर्ता की भूमिका उत्पाद डिजायन व् पॉलिसी सेवा है
- यदि विक्री लक्ष्य घट जाता है चर्निग (churinig ) बढ जाता है
- ग्राहक को यूलिप प्लान के बारे में बताने का सर्वोतम तरीका अभिकर्ता को प्राप्त कमीशन के बारे में जानकारी देना व् ग्राहक व् पॉलिसी धारी से लाभ की एक हस्ताश्रित कॉपी प्राप्त करना है
- यदि अभिकर्ता यूलिप प्लान के बारे में ग्राहक को समझाने में असमर्थ है या स्वय को अक्षम प् रहा हो तो उसे उत्पाद ब्रोशर दिखाना चाहिए
- यदि बीमा सलाहकार ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार बीमा उत्पाद बेचता है तो वह सलाहकार हेतु व्यापर के नए अवसर प्रदान करता है
- एक विवाहित व्यक्ति जिसकी 3 वर्ष की पुत्री है उसके लिए सर्वोतम है कि वह आवधिक बच्चो वाला प्लान ले
- अभिकर्ता एक लाइसेंस मुक्त मध्यस्त है जो बीमा कंपनी को और से कार्य करने वाला एक क़ानूनी व्यक्ति है
- अतिरिक्त आय अर्जन हेतु बीमा सलाहकार बाते बड़ा चडा कर करता है
- जब एक ग्राहक सारी जानकारी प्राप्त करने के पश्चात पॉलिसी करने से इंकार करता है तो सलाहकार को ग्राहक से किसी अन्य व्यक्ति का रेफरेंस हवाला देने के लिए कहना चाहिए
- निरन्तरता व् द्र्ड़ता ग्राहक को उसका वितीय लक्ष्य प्राप्त करने में सहायक होता है तथा ग्राहक को संतुस्ट प्रदान करतीहै व् लागत कम करती है यह राजस्व में व्रद्धी भी करता है
- एक संतुस्ट ग्राहक अभिकर्ता के लिए चलता फिरता विशापन है वह अभिकर्ता की विक्री बड़ा सकता है तथा अन्य लोगो को बीमा पॉलिसी लेने हेतु प्रेरित कर सकता है
- पॉलिसी धारी द्वारा भेजे गए संचार या सूचना की प्राप्ति के 10 दिनों के अंतर्गत बीमा कंपनी के देना चाहिए
- चापलूसी व् चतुराई करना बुरा समझा जाता है क्योंकि इसका प्रभाव ग्राहक की धनराशी पर पड़ता है
- विशेष जोखिम की दशा में एक जोखिमो के परिणाम का प्रभाव व्यक्तिगत रूप से या स्थानीय समुदाय को होगा
- यदि एक सलाहकार ग्राहक को वर्तमान इंडोमेंट प्लान वाली पॉलिसी को सरेंडर करने हेतु प्ररित करता है तथा एक पूरी नयी पॉलिसी लेने के लिए कहता है तथा एसा करके उच्च कमीशन प्राप्त करने के बारे में सोचता है तो चर्निग है
- चर्निग बुरा है क्योंकि इससे पॉलिसी धरी को पॉलिसी सरेंडर करने का हर्जाना देना पड़ता है तथा इस तरह उसे हनी उठानी पड़ती है
- एक सलाहकार को 35% से अधिक कमीशन प्राप्त कर रहा है
- एक बीमा सलाहकार को अपने ग्राहक को इस बात की अनुशंसा नहीं करनी चाहिए इ वह किसी व्यक्ति विशेष या अभिकर्ता विशेष के माफिक खरीदी गई साडी पालिसियो को सरेंडर कर दे
- प्रथम वर्ष के कमीशन में एजेंट अधिकतम 35% कमीशन मिल सकता है
- भारत की बीमा ब्रोकर एशोसियशन के अनुसार बीमा कंपनी व् ब्रोकर के मध्य सबसे उतम संबंध है की ब्रोकर ग्राहक का प्रतिनिधित्व करता है तथा बीमा कोमप्न्य ब्रोकर को उसका परिश्रम देती है
- 1938 का बीमा अधिनियम एक बीमा अभिकर्ता को दी जाने वाले अधिकतम पारिश्रमिक के निर्धारण से सबंधित है
- ग्राहक को निर्मुक्त बौछार भेजना आग्रम में वृद्धि करता है
- यदि वितीय योजना को जानने के बाद संभावित ग्राहक कहता है कि उसके पास निवेश हेतु धन राशी नहीं है तो इसे स्तिथि से निपटने हेतु अभिकर्ता को आपति हैण्डलिंग क्षमता का इस्तेमाल करना होगा
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